गरुड़ ब्लॉक के कौलाग गांव का मर्चेंट नेवी कर्मी नंदन सिंह दोसाद 16 अक्टूबर से लापता, परिवार ने सरकार से मदद की अपील की।
गरुड़। उत्तराखण्ड के बागेश्वर जनपद के गरुड़ विकासखंड के कौलाग गांव में इस समय मातम और बेचैनी का माहौल है। हर चेहरा चिंता में डूबा है और हर आंख समुद्र की ओर उम्मीद से टिकी है। गांव का बेटा नंदन सिंह दोसाद, जो मर्चेंट नेवी की स्कॉर्पियो कंपनी में कार्यरत था, 16 अक्टूबर से लापता है।

कंपनी की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, शिप में चढ़ने के दौरान एक छोटी बोट लहरों में पलट गई, जिसमें नंदन सिंह सहित कई लोग लापता हो गए। हादसे की खबर मिलते ही कौलाग गांव में सन्नाटा पसर गया।
परिवार का बुरा हाल, आंखों में उम्मीद की नमी
नंदन सिंह की पत्नी गीता देवी लगातार रो रही हैं। उनका कहना है कि बस एक बार पति की खबर मिल जाए, चाहे जैसी भी हो। वहीं नंदन सिंह की 70 साल की मां हीरा देवी बार-बार एक ही बात दोहराती हैं कि मेरा बेटा किसी तरह लौट आए, भगवान उसे वापस भेज दे। घर में दो छोटे बेटे हैं, ऋतिक (9 वर्ष) और भावेश (6 वर्ष)। दोनों मासूम हर किसी से एक ही सवाल पूछते हैं कि पापा कब आएंगे?
परिजनों की गुहार
परिजनों ने उत्तराखण्ड सरकार और विदेश मंत्रालय से मदद की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि रेस्क्यू अभियान को तेज किया जाए ताकि कोई खबर, कोई उम्मीद अब भी बाकी रहे। गांव के लोगों ने भी सोशल मीडिया और प्रशासन के माध्यम से अपील की है कि नंदन सिंह समेत सभी लापता लोगों को जल्द खोजा जाए।
कौलाग गांव के लोग आज भी आसमान की ओर देखते हैं कि इस उम्मीद में कि समंदर से कोई खबर आएगी। हर शाम गांव की चौपाल में दीया जलाया जाता है और सब एक ही प्रार्थना करते हैं कि नंदन सिंह अपने घर, अपनी मां, अपनी पत्नी और अपने बच्चों की गोद में लौट आए।
