उत्तराखंड विधानसभा के रजत जयंती सत्र के दौरान पहाड़ बनाम मैदान मुद्दे पर गरमाई राजनीति
देहरादून। एक ओर जहां उत्तराखंड अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने पर रजत जयंती वर्ष का जश्न पूरे उत्साह से मना रहा है, तो वहीं इस खास मौके पर आयोजित विधानसभा के विशेष सत्र में एक बार फिर ‘पहाड़ बनाम मैदान’ की बहस तेज हो गई। सत्र के दौरान जहां कुछ विधायकों ने क्षेत्रीय असंतुलन के मुद्दे उठाए, वहीं भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पर राजनीतिक स्वार्थ के लिए प्रदेश में फूट डालने का आरोप लगाया।

भाजपा प्रदेश महामंत्री दीप्ति रावत और केदारनाथ विधायक आशा नौटियाल ने कहा कि पहाड़ बनाम मैदान कोई असली लड़ाई नहीं, बल्कि कांग्रेस और उसके कुछ नेताओं द्वारा फैलाया गया राजनीतिक प्रोपेगेंडा है। दोनों नेताओं का कहना है कि कांग्रेस हमेशा से ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति पर चलती आई है। अब जब राज्य में चुनाव नजदीक हैं, तो पार्टी ने एक बार फिर प्रदेश के लोगों को क्षेत्र, जाति और धर्म के नाम पर बांटने की कोशिश शुरू कर दी है।
दीप्ति रावत ने कहा कि पहले कांग्रेस ने लोगों को जाति के नाम पर बांटा, फिर धर्म के नाम पर, और अब वह क्षेत्रीयता के नाम पर राजनीतिक फायदा उठाना चाहती है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की जनता अब इन चालों को समझ चुकी है और प्रदेश की एकता को किसी भी कीमत पर टूटने नहीं देगी।
आशा नौटियाल ने कहा कि कांग्रेस हमेशा विभाजन की राजनीति करती रही है, जबकि भाजपा पूरे उत्तराखंड को एक सूत्र में बांधने का काम कर रही है। रजत जयंती वर्ष प्रदेश की एकता, गौरव और विकास का प्रतीक है — इसे राजनीति से जोड़ना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
