नैनी सैनी एयरपोर्ट पर खड़ा फ्लाई बिग का विमान, सेवा ठप होने से यात्रियों की बढ़ी मुश्किलें
देहरादून। सीमांत जिला पिथौरागढ़ और उत्तराखंड की राजधानी देहरादून को जोड़ने वाली एकमात्र हवाई सेवा अचानक ठप हो गई है। बीते 14 दिनों से यह सेवा बंद है और कंपनी ने स्थायी रूप से संचालन रोकने का फैसला ले लिया है। इससे पर्वतीय क्षेत्रों के लोगों और पर्यटकों की दिक्कतें बढ़ गई हैं।

एक साल भी नहीं चली फ्लाई बिग की उड़ान
सितंबर 2024 में फ्लाई बिग कंपनी ने 19 सीटर विमान से पिथौरागढ़ और देहरादून के बीच उड़ान शुरू की थी। यह सेवा पहाड़वासियों के लिए जीवनरेखा जैसी साबित हो रही थी। लेकिन महज एक साल में ही कंपनी ने हाथ खड़े कर दिए। अब नैनी सैनी एयरपोर्ट सुनसान पड़ा है और यात्रियों को सड़क मार्ग पर निर्भर रहना पड़ रहा है।
दीपावली पर सबसे ज्यादा मुश्किल प्रवासियों को
त्योहार के मौके पर पहाड़ लौटने वाले प्रवासी सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। जिन यात्रियों ने दीपावली के लिए टिकट बुक कर रखे थे, उनकी बुकिंग कैंसिल हो गई। अब उन्हें 15 घंटे से ज्यादा का सड़क सफर तय करना पड़ रहा है। सीमांत इलाकों की खराब सड़कों के चलते बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे काफी परेशान हैं।
पर्यटन को लगा करारा झटका
फ्लाइट बंद होने का सीधा असर पर्यटन पर भी पड़ा है। मुनस्यारी, चौकोड़ी, आदि कैलाश, ऊं पर्वत और पाताल भुवनेश्वर जैसे मशहूर स्थलों तक अब आसानी से पहुंचना मुश्किल हो गया है। होटल कारोबारी, स्थानीय गाइड और टैक्सी चालक भी आर्थिक संकट की मार झेल रहे हैं।
क्या मिलेगी नई कंपनी से राहत?
नैनी सैनी एयरपोर्ट मैनेजर डॉ. दीपक सैनी के मुताबिक, फ्लाई बिग ने स्थायी रूप से सेवाएं बंद कर दी हैं। सरकार अब किसी दूसरी कंपनी से समझौता कर सेवा बहाल करने की कोशिश में है। हालांकि दीपावली तक उड़ान शुरू होने की संभावना बेहद कम है।
हेलीकॉप्टर सेवाएं बनीं सहारा
फिलहाल यात्रियों के लिए कुछ हेलीकॉप्टर सेवाएं ही राहत का जरिया बनी हुई हैं:
- पिथौरागढ़–अल्मोड़ा रूट : Heritage Aviation की रोजाना दो उड़ानें। किराया 2,500 प्रति यात्री। पहली उड़ान सुबह 10:00 बजे और दूसरी 1:40 बजे।
- हल्द्वानी–पिथौरागढ़–मुनस्यारी रूट : हल्द्वानी से पिथौरागढ़ का किराया 3,000 और मुनस्यारी तक 3,500 प्रति यात्री।
जल्द बहाल हो वायु सेवा
पिथौरागढ़ के लोगों का कहना है कि पर्वतीय क्षेत्रों की दुर्गम भौगोलिक स्थिति को देखते हुए हवाई सेवा बंद होना बड़ी समस्या है। वे चाहते हैं कि सरकार जल्द से जल्द कोई स्थायी समाधान निकाले ताकि पर्वतीय क्षेत्रों को राजधानी और बाकी देश से आसानी से जोड़ा जा सके।
