2018 के सड़क हादसे में मारे गए लोकगायक पप्पू कार्की — अब उनके परिवार को मिलेगा 90 लाख रुपये का मुआवजा।
नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए मशहूर लोकगायक पप्पू कार्की के परिवार के पक्ष में बड़ा आदेश दिया है। अदालत ने बीमा कंपनी की अपील को खारिज करते हुए कहा कि मृतक के आश्रितों को 90 लाख रुपये से अधिक का मुआवजा दिया जाए।

न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की एकलपीठ ने ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड द्वारा दायर अपील को ठुकरा दिया। अदालत ने मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण (MACT) हल्द्वानी के वर्ष 2019 के आदेश को सही ठहराया, जिसमें मृतक गायक के परिवार को ₹90,01,776 मुआवजा देने का निर्णय हुआ था।
बीमा कंपनी की दलील और अदालत की टिप्पणी
बीमा कंपनी ने दावा किया था कि अधिकरण ने मृतक की आय का गलत मूल्यांकन किया है। उनका कहना था कि पप्पू कार्की की आय अनियमित थी, और अधिकरण ने उनकी मृत्यु के बाद की अवधि के आयकर रिटर्न (ITR) को आधार बनाकर फैसला सुनाया, जो गलत है। इसके अलावा कंपनी ने यह भी कहा कि हादसा ड्राइवर की लापरवाही से नहीं, बल्कि एक जंगली जानवर को बचाने की कोशिश में हुआ था।
लेकिन अदालत ने इन सभी दलीलों को सिरे से खारिज कर दिया। न्यायालय ने कहा कि मृतक की आय के प्रमाण हादसे से पहले के आकलन वर्ष 2015-16 से 2017-18 के हैं, जिन्हें केवल दाखिल करने की तिथि के आधार पर अमान्य नहीं ठहराया जा सकता।
2018 का दर्दनाक हादसा
यह मामला 9 जून 2018 का है। लोकगायक पप्पू कार्की अपने साथियों के साथ गौनियारो हैड़ाखान से हल्द्वानी लौट रहे थे। रास्ते में मुरकुड़िया के पास उनकी कार खाई में गिर गई थी। हादसे में कार चालक और पप्पू कार्की दोनों की मौत हो गई थी। इसके बाद मृतक की पत्नी और अन्य आश्रितों ने बीमा कंपनी से मुआवजे की मांग की। हल्द्वानी के प्रथम अपर जिला न्यायाधीश/मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण ने अक्टूबर 2019 में परिवार के पक्ष में फैसला सुनाया था।
परिवार के लिए राहत भरा फैसला
इस फैसले से लोकगायक पप्पू कार्की के परिवार को बड़ी राहत मिली है। अदालत ने कहा कि आश्रितों को तय मुआवजा 90 लाख रुपये से अधिक की राशि तुरंत दी जाए। वहीं न्यायमूर्ति आलोक मेहरा ने कहा कि मृतक की आयकर रिटर्न वैध हैं और इनका मूल्यांकन उचित तरीके से किया गया है। बीमा कंपनी के तर्क कानूनन टिकाऊ नहीं हैं।
