
Haldwani Protest
हल्द्वानी: हल्द्वानी में रकसिया और कलसिया नालों के किनारे चल रही अतिक्रमण हटाओ मुहिम को लेकर एक बार फिर विवाद गहराता जा रहा है। सुभाष नगर, संजय नगर और आवास विकास कॉलोनी के नागरिकों ने जिला प्रशासन पर तानाशाही रवैया अपनाने और जनसुनवाई की अनदेखी करने का आरोप लगाया है।
शुक्रवार को सुभाष नगर के नागरिकों ने एक पार्क में एकत्र होकर विरोध दर्ज किया। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि पहले प्रशासन की ओर से नोटिस जारी किए गए, फिर आपत्तियां मांगी गईं, लेकिन आपत्तियों का निस्तारण किए बिना ही घरों पर लाल निशान लगा दिए गए।
स्थानीय नागरिकों का कहना था कि अगर पहले से ही निष्कर्ष निकालना था तो आपत्तियां क्यों मांगी गईं? यह जनता को भ्रमित करने और जबरन उजाड़ने की योजना है। स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन की ओर से साल 1930 के ब्रिटिश कालीन नक्शे के आधार पर कार्रवाई करने को अव्यवहारिक और अन्यायपूर्ण बताया।
उनका कहना है कि साल 1980 में आवास विकास की स्थापना के बाद घरों का नए सिरे से आवंटन हुआ। उस समय की वैध योजनाओं को अनदेखा कर अब 1930 के नक्शे की बात करना उचित नहीं है।
वहीं दूसरी ओर प्रशासन का कहना है कि ये कार्रवाई पूरी तरह विधिक प्रक्रिया, भौतिक सीमांकन और अभिलेखीय सत्यापन के आधार पर की जा रही है। एसडीएम हल्द्वानी के निर्देशन में देवखड़ी और रकसिया नालों के किनारे पहले से चिन्हित 78 अतिक्रमणों का स्थलीय निरीक्षण कर लाल निशान लगाए गए हैं।
साथ ही प्रशासन ने ये भी स्पष्ट किया है कि आपत्तियों के निस्तारण के बाद ही चिह्नीकरण किया गया है। शिविरों में जनसुनवाई और मौके पर सत्यापन के बाद कार्रवाई की जा रही है। साथ ही कार्रवाई का उद्देश्य केवल नाले की वास्तविक सीमा को स्पष्ट करना है, ताकि भविष्य में बाढ़, जलभराव और सार्वजनिक संकट की स्थितियों से बचा जा सके।