एचएमटी रानीबाग भूमि पर ईपीएफओ का अटैचमेंट बोर्ड, रजिस्ट्री प्रक्रिया अटकी
हल्द्वानी। हल्द्वानी–रानीबाग स्थित एचएमटी फैक्ट्री की 5.75 हेक्टेयर भूमि पर रजिस्ट्री प्रक्रिया अचानक अटक गई है। कारण है कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा की गई अटैचमेंट कार्रवाई। इसके बाद शासन–प्रशासन से लेकर उद्योग विभाग तक में हड़कंप मच गया है। ईपीएफओ ने तो फैक्ट्री भूमि पर अटैचमेंट का बोर्ड भी लगा दिया है।

11 करोड़ का PF अंशदान बकाया
ईपीएफओ के क्षेत्रीय आयुक्त द्वितीय आकाश वर्मा ने बताया कि मार्च 1986 से अक्टूबर 2012 तक एचएमटी प्रबंधन ने करीब 800 कर्मचारियों का भविष्य निधि अंशदान जमा नहीं किया। इस दौरान करीब 11 करोड़ रुपये की रकम बकाया रही। 31 जुलाई 2025 को अटैचमेंट की प्रक्रिया पूरी की गई और 22 अगस्त को इसकी सूचना जिला प्रशासन व फैक्ट्री प्रबंधन को भेज दी गई।
सरकार बनाना चाहती है मिनी सिडकुल
उत्तराखंड सरकार रानीबाग की कुल 18.34 हेक्टेयर भूमि पर मिनी सिडकुल प्रोजेक्ट शुरू करने की तैयारी में है।
- अक्टूबर 2022 में केंद्र सरकार ने भूमि हस्तांतरण की अनुमति दी
- फरवरी 2023 में राज्य सरकार ने 74 करोड़ रुपये देकर भूमि का कब्ज़ा ले लिया
- मुख्यमंत्री ने मास्टर प्लान बनाने के निर्देश दिए
लेकिन ईपीएफओ की कार्रवाई के चलते रजिस्ट्री प्रक्रिया अटक गई और प्रोजेक्ट पर संकट खड़ा हो गया।
अफसरों की भागदौड़, ईपीएफओ दफ्तर में बैठकों का दौर
19 सितंबर को जिला उद्योग केंद्र की महाप्रबंधक पल्लवी गुप्ता अपनी टीम के साथ ईपीएफओ कार्यालय पहुंचीं। उन्होंने दावा किया कि भूमि का स्वामित्व अब औद्योगिक विकास विभाग के पास है और अटैचमेंट कार्रवाई वापस लेने की मांग रखी। वहीं, प्रशासन की ओर से पटवारी ने भी भूमि के अभिलेख पेश किए।
कर्मचारियों का हित भी जरूरी
ईपीएफओ आयुक्त सिद्धार्थ सिंह ने साफ कहा कि सरकार की प्राथमिकता भूमि की रजिस्ट्री के साथ-साथ कर्मचारियों के हित भी होने चाहिए। करीब 800 कर्मचारियों को 20 करोड़ रुपये का पीएफ मिलना बाकी है। ईपीएफओ ने राज्य सरकार से अपील की है कि कर्मचारियों को उनका हक दिलाया जाए।
