हरीश रावत ने केंद्र सरकार से आपदा राहत और पुनर्वास को लेकर गंभीर सवाल किए
देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया उत्तराखंड दौरे से प्रदेश को बड़ी उम्मीदें थीं, लेकिन वित्तीय सहायता उम्मीद से बहुत कम मिली।

जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय रणनीति की मांग
रावत ने सवाल उठाया कि मध्य हिमालय क्षेत्र में लगातार बढ़ रही बादल फटने की घटनाओं से निपटने के लिए केंद्र सरकार के पास क्या कोई ठोस राष्ट्रीय रणनीति है?
आजीविका और पुनर्निर्माण पर चिंता
उन्होंने कहा कि आपदा में लोगों के घर, खेत, जंगल और आजीविका के साधन पूरी तरह नष्ट हो गए हैं। सरकार को चाहिए कि वह प्रभावित लोगों की आजीविका पुनर्स्थापित करने की ठोस योजना बनाए।
राहत राशि और पुनर्वास पर सवाल
हरीश रावत ने कहा कि 2014 की आपदा के बाद से मकान बनाने की लागत कई गुना बढ़ चुकी है, लेकिन राहत राशि में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई। आज भी कई गांव ऐसे हैं जहां ग्रामीणों को पीठ पर सामान लादकर ले जाना पड़ता है।
जोखिम वाले गांव और पुनर्वास की जरूरत
राज्य के 433 से ज्यादा गांव किसी भी समय भीषण आपदा की चपेट में आ सकते हैं, लेकिन सरकार के पास 50 गांवों को भी बसाने की जमीन नहीं है। कांग्रेस ने मांग की है कि जमीन का इंतजाम कर जल्द से जल्द पुनर्वास की योजना बनाई जाए।
कर्ज माफी और नई नीति की मांग
कांग्रेस ने आपदा प्रभावित लोगों के कर्ज माफ करने और मध्य हिमालयी राज्यों के लिए जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार से विशेष नीति बनाने की मांग की है।
